
बेमेतरा जिले के ग्राम बहेरा की बुजुर्ग महिला राजबती के जीवन में वह दिन किसी चमत्कार से कम नहीं था, जब वर्षों की उम्मीद और संघर्ष के बाद उन्हें अपनी ही ज़मीन पर कुछ मीटर किए कब्जे का फिर से अधिकार मिला। यह कहानी सिर्फ एक भूमि कब्जे की नहीं, बल्कि प्रशासनिक संवेदनशीलता, तत्परता और न्याय की मिसाल है।
राजबती, जिनकी कुछ मीटर ज़मीन पर अतिक्रमण था, कई बार अधिकारियों के चक्कर लगा चुकी थीं। लेकिन इस बार उन्होंने सीधे बेमेतरा कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा से कलेक्ट्रेट में आवेदन दिया। कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्क्षण तहसीलदार बेरला को स्थल परीक्षण और कार्यवाही के निर्देश दिए।
*तहसीलदार श्री आशुतोष गुप्ता ने राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुँचकर न सिर्फ भूमि का पुनः चिन्हांकन किया, बल्कि अनावेदक साधेलाल की उपस्थिति में पारदर्शिता के साथ राजबती को उसकी ज़मीन का वास्तविक कब्जा दिलवाया। बांस-बल्ली लगाकर स्पष्ट सीमांकन भी कर दिया गया ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।*
*यह वही भूमि थी, जिसे पूर्व में चिन्हांकित कर कब्जा दिलाया गया था, लेकिन राजबती उम्र और संसाधनों की कमी के कारण उस पर कब्जा नहीं कर सकीं। इस बार प्रशासन की सख्ती और स्थानीय सहयोग से यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई।*
आज राजबती संतुष्ट हैं, उनकी आँखों में आभार है, और दिल में वह विश्वास, जो शायद कहीं खो गया था। यह सिर्फ उनकी जीत नहीं, बल्कि उस सिस्टम की जीत है जो आम जनता की आवाज़ सुनता है और उसे न्याय दिलाता है।