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छत्तीसगढ़ में टैक्स चोरी मामले में आईटी की दबिश, यहां कार्रवाई शुरु

रायपुर। राज्य में टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ आयकर इन्वेस्टिगेशन टीम और करारोपण विभाग की टीम ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी कड़ी में आयकर विभाग की करारोपण टीम ने गुरुवार को तेलीबांधा स्थित बड़े कंस्ट्रक्शन ग्रुप पीआरए के कार्यालय में सर्वे की कार्रवाई की।

पीआरए ग्रुप पर टैक्स चोरी का शक
पीआरए ग्रुप राज्य के प्रमुख कंस्ट्रक्शन कंपनियों में से एक है और इसके कई राज्यों में बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इस कंपनी पर पहले भी हमले हो चुके हैं। झारखंड के अमन साव गिरोह के गुर्गों ने पिछले वर्ष इसी कार्यालय के बाहर लेवी वसूलने के लिए फायरिंग की थी। आयकर की सर्वे टीम को कंपनी में टैक्स चोरी की शिकायतें मिलने पर दस्तावेजों की गहन जांच के लिए भेजा गया है। आयकर विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर राहुल मिश्रा की अगुवाई में सर्वे टीम दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है।

चावल कारोबारियों पर भी शिकंजा
छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और ओडिशा के चावल कारोबारी, राइस मिलर और ब्रोकरों के ठिकानों पर दूसरे दिन भी छापे की कार्रवाई जारी रही। जांच में आयकर विभाग ने अब तक आठ करोड़ रुपए सीज किए हैं। इससे पहले, पहले दिन की कार्रवाई में डेढ़ करोड़ रुपए बरामद किए गए थे। सूत्रों के अनुसार, इन ठिकानों पर बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी और कच्चे में लेन-देन के सबूत मिले हैं, जिससे जांच और लंबी चलने की संभावना है।

संपत्ति का अनुमान पांच से सात सौ करोड़
आयकर विभाग के अनुसार, जिन चावल कारोबारियों और ब्रोकरों पर छापा मारा गया है, उनकी संपत्ति का अनुमान 500 से 700 करोड़ रुपए के बीच है। जांच टीम को इन कारोबारी ठिकानों से बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक और कागजी दस्तावेज मिले हैं, जो कच्चे में किए गए लेन-देन को दर्शाते हैं।

गोंदिया से होती थी फर्जी बिलिंग
सूत्रों के अनुसार, कारोबारी समूह गोंदिया से बिलिंग करके छत्तीसगढ़ से चावल की बिक्री कर टैक्स चोरी करता था। गोंदिया से बिलिंग होने के कारण यह पता लगाना मुश्किल होता था कि छत्तीसगढ़ से कितना माल कहां बेचा गया। इस फर्जी बिलिंग प्रणाली का इस्तेमाल कर कारोबारी समूह कर चोरी कर रहा था।

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