
दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन में कहा कि “आजकल जब हम Artificial Intelligence की चर्चा करते हैं, तो युवा पीढ़ी भाग्यशाली है क्योंकि वे Agriculture Intelligence से Artificial Intelligence की यात्रा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि “Artificial Intelligence, Agriculture Intelligence ही वो माध्यम है जो ग्रामीण व्यवस्था के अंदर क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।”
हिमाचल प्रदेश के सोलन में डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय में विकसित भारत के मार्ग पर चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने स्पष्ट रूप से कहा कि “विकसित भारत का रास्ता एक ही तरीके से जाएगा — किसान के खेत से। और वो तभी होगा, जब किसान का आप हाथ पकड़ेंगे।” उन्होंने किसानों को केवल अन्नदाता ही नहीं बल्कि भाग्य विधाता बताया।
एक्सपोर्ट की मानसिकता पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री धनखड़ ने कहा, “मुझे बड़ी परेशानी होती है जब लोग कहते हैं — ‘यह export माल है, यह export के लिए है।’ भाई, क्यों? सबसे अच्छा तो हमको खाना है, सबसे अच्छा तो हमको पहनना है।” उन्होंने गर्व से बताया कि आज दुनिया की बड़ी संस्थाओं में भारतीय नेतृत्व कर रहे हैं और विशेष रूप से महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की सराहना की।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से अनुरोध किया कि वर्तमान में मिलने वाली 6,000 रुपये की राशि में मुद्रास्फीति के अनुपात में वृद्धि होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि “यदि अगर सहायता सीधी किसान को मिलती है। जो भी कृषि क्षेत्र को अप्रत्यक्ष वित्तीय सहायता को मिल रही है वो यदि अगर सीधी किसान परिवारों को मिलती है तो हर किसान परिवार मेरा आँकलन है और मेरा आँकलन अध्ययन के पश्चात है जहाँ 6000 रुपये PM किसान निधि के मिल रहे हैं उसमें 30,000 रुपये सालाना जुड़ेंगे।”