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Dilli Dark फिल्म से Social Media और MAMI Festival में छाए दिबाकर दास रॉय

क्या डार्क कॉमेडी के ज़रिए ‘काला सच’ भी बताया जा सकता है? 30 मई को रिलीज़ होने वाली नवोदित डायरेक्टर दिबाकर दास रॉय की फिल्म ‘दिल्ली डार्क’ दरअसल ऐसी ही कोशिश है। पत्रकार प्रेरणा कुमारी से बातचीत में फिल्म के निर्देशक रॉय ने बताया कि दिल्ली की पृष्ठभूमि पर बनी यह फिल्म नाइजीरिया के छात्र माइकल ओकेके की कहानी है जिसे भारत की राजधानी में एमबीए की पढ़ाई और फिर यहीं बसने के अपने सफर के दौरान नस्लीय भेदभाव और अश्वेत रंग के प्रति दुराग्रह का सामना करना पड़ता है। उन्हें यह फिल्म बनाने का विचार कैसे आया। इस बारे में उन्होंने बताया कि इस फिल्म पर उनकी अपनी जिंदगी की भी छाप है। 2002 में हिंदू कॉलेज में पढ़ाई के सिलसिले में वह दिल्ली आए।

इससे पहले वह कोलकाता, मेघालय और देहरादून में रह चुके हैं। इन सभी जगहों में उन्हें भी अपने रंग के कारण कई बार मज़ाक और कई बार अपमान का शिकार होना पड़ा।

ऐसे में उन्होंने सोचा कि इस बारे में फिल्म बनाई जाए कि किस तरह हर शहर, देश या समाज में बाहर से आने वाले लोगों को बेगाने होने का अहसास दिलाया जाता है।

यह सिर्फ किसी अश्वेत व्यक्ति या अफ्रीकी की नहीं, बल्कि ऐसे हर व्यक्ति की कहानी है जिसे कहीं भी बेगानेपन का सामना करना पड़ा है।

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