बच्चों के यौन शोषण पर तत्काल शिकायत करें, पॉक्सो एक्ट में पुलिस संवेदनशीलता से करेगी कार्रवाई…

भोपाल: पॉक्सो अधिनियम बच्चों को यौन शोषण के अपराधों से बचाने का प्रावधान है। यह कानून न सिर्फ बालिकाओं के यौन शोषण बल्कि नाबालिग लडकों के साथ भी कोई अश्लील छेड़-छाड़ होती है तो उसे भी अपराध की ही श्रेणी में माना जाएगा। इस अधिनियम के तहत दुष्कर्म की पारंपरिक परिभाषा के अलावा उन कृत्यों को भी दुष्कर्म के संज्ञा दी गई है। जिससे बच्चे के साथ गलत भावना से छेड-छाड़ की जाती है। यदि किसी व्यक्ति का पॉक्सो एक्ट के अन्तर्गत दोष सिद्ध हो जाता है तो उसे अपराधी मानते हुए कड़ी सजा देने का प्रावधान रखा गया है। पॉक्सो एक्ट में संशोधन से पहले अग्रिम जमानत का प्रावधान था। लेकिन संशोधन के बाद आरोपी को अग्रिम जमानत भी नहीं दी जाती।
पॉक्सो अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया-
अगर आप या आपका कोई जानने वाला यौन शोषण का शिकार हुआ है तो आप पॉक्सों एक्ट के तहत शिकायत दर्ज करा सकते हैं। पहला कदम पुलिस से संपर्क करना और घटना की रिपोर्ट करना है। आप या तो व्यक्तिगत रूप से पुलिस स्टेशन जा सकते हैं या शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल भी कर सकते हैं। आपको घटना की तिथि, समय और स्थान के साथ-साथ यदि संभव हो तो अपराधी की पहचान जैसे विवरण प्रदान करने की आवश्यकता होगी। पुलिस दुर्व्यवहार के सबूत इकट्ठा करने के लिए पीड़िता की मेडिकल जांच की व्यवस्था करेगी। अगर पुलिस को पता चलता है कि शिकायत पॉक्सो अधिनियम के दायरे में आती है, तो वे प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करेंगे और जांच शुरू करेंगे। पॉक्सो अधिनियम के तहत एक नामित अदालत में मामले की कोशिश की जाएगी। पीड़िता और गवाहों को कोर्ट में गवाही देनी होगी। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पॉक्सो अधिनियम पीडित और गवाहों की पहचान की सुरक्षा के लिए भी प्रावधान करता है।