देश की जीडीपी 2023-24 में 6.9 से 7 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है। चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च अवधि में इसकी रफ्तार 6.2 फीसदी रहने का अनुमान है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, पहली दो तिमाहियों में वृद्धि दर को कम आधार का फायदा मिला। हालांकि, तीसरी (अक्तूबर-दिसंबर) तिमाही में 8.4 फीसदी की वृद्धि दर आश्चर्यजनक थी। सरकार चौथी तिमाही और 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के शुरुआती अनुमान 31 मई को जारी कर सकती है।
तीसरी तिमाही में मिला था उच्च कर संग्रह का फायदा
सिन्हा ने कहा, जब हम आंकड़ों का विश्लेषण करते हैं तो पता चलता है कि जीवीए और जीडीपी के बीच अंतर है। तीसरी तिमाही में जीडीपी को बड़ा प्रोत्साहन उच्च कर संग्रह से मिला है, लेकिन चौथी तिमाही में ऐसा होने की संभावना नहीं है।
पारा चढ़ने के साथ बिजली की अधिकतम मांग 235 गीगावाट
देश में पारा चढ़ने के साथ बिजली की अधिकतम मांग मई में 235 गीगावाट के आसपास बनी हुई है। गर्मी बढ़ने और लू चलने के साथ बड़े पैमाने पर एयर कंडीशनर व कूलर के उपयोग से बिजली की मांग बढ़ी है। बिजली मंत्रालय के मुताबिक, बिजली की अधिकतम मांग 6 मई को दिन में 233 गीगावाट पहुंच गई। एक साल पहले यह 221.42 गीगावाट थी। 18 मई को अधिकतम मांग 229.57 गीगावाट तक पहुंच गई।