
मौसम बदलने के साथ ही हवा में धूल और प्रदूषण की मात्रा बढ़ गई है। दीपावली के दौरान फोड़े गए पटाखों से निकले धुएं और गैसों ने वायुमंडल को और भी दूषित कर दिया है। इस वजह से एलर्जी, खांसी, जुकाम और सांस संबंधी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हालात ये हैं कि शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में हर दूसरा-तीसरा मरीज इन्हीं दिक्कतों की शिकायत लेकर पहुंच रहा है।
डॉक्टरों का कहना है कि यह समय एलर्जिक राइनाइटिस और अस्थमा के रोगियों के लिए बेहद संवेदनशील है। शहर में पिछले कुछ दिनों से तापमान में गिरावट के साथ हवा की दिशा और गति में बदलाव आया है। इस बदलाव के चलते वातावरण में मौजूद सूक्ष्म धूलकण और प्रदूषक तत्व लोगों की श्वसन नलिकाओं को प्रभावित कर रहे हैं।
विशेषकर बच्चे, बुजुर्ग और पहले से अस्थमा या एलर्जी के मरीजों में परेशानी अधिक देखी जा रही है। जेएएच के डॉ. बालेंद्र शर्मा के मुताबिक दीपावली के बाद हवा में सल्फर डाईआक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। ये गैसें सांस के जरिये शरीर में पहुंचकर एलर्जिक प्रतिक्रिया पैदा करती हैं, जिससे छींक, नाक बंद होना, गले में खराश और सांस फूलने जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं।
धूल और धुंआ बढ़ाते हैं एलर्जी
मौसम में मौजूद धूल और धुआं एलर्जी को ट्रिगर करने वाला प्रमुख कारण है। ऐसे में लोगों को सुबह-शाम सैर पर निकलते समय मास्क पहनने, ज्यादा देर धूलभरी जगहों पर न रुकने और घर में सफाई के दौरान भी सावधानी बरतने की जरूरत है। विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि जो लोग पहले से अस्थमा या एलर्जी की दवा ले रहे हैं, वे डॉक्टर की सलाह के बिना दवा बंद न करें। अगर लगातार खांसी, सांस लेने में दिक्कत या नाक बंद रहने की समस्या हो, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। इसके अलावा घरों में वेंटिलेशन ठीक रखें, ताकि ताजी हवा का संचार बना रहे।
एलर्जी से बचाव के उपाय
मास्क पहनें : घर से बाहर निकलते समय धूल और धुएं से बचाव के लिए हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें।
घर की नियमित सफाई रखें : फर्श, परदे, फर्नीचर और बिस्तर की नियमित सफाई करें ताकि धूल के कण जमा न हों।
कमरे में वेंटिलेशन बनाए रखें : खिड़कियां खोलकर ताजी हवा का प्रवाह बनाए रखें, लेकिन धूलभरी हवा के समय बंद रखें।
धूलभरी या प्रदूषित जगहों से बचें : सड़कों, निर्माण स्थलों या ज्यादा धुआं-धूल वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।
पानी अधिक पिएं : शरीर को हाइड्रेटेड रखने से एलर्जिक तत्व जल्दी बाहर निकलते हैं।
स्नान के बाद कपड़े बदलें : बाहर से आने पर शरीर और कपड़ों पर जमी धूल को तुरंत साफ करें। साथ ही स्थान करने के बाद कपड़ों को बदलकर दूसरे कपड़े पहनें।
इनडोर पौधों का ध्यान रखें : पौधों में जमा धूल या फफूंद भी एलर्जी ट्रिगर कर सकती है, उन्हें नियमित साफ करें।


