छत्तीसगढ़राज्य

उप मुख्यमंत्री साव ने मिशन अमृत के तहत निर्माणाधीन जल प्रदाय योजना का किया निरीक्षण

रायपुर. उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने आज गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर नगर पंचायत पहुंचकर मिशन अमृत 2.0 के तहत निर्माणाधीन जल प्रदाय योजना के कार्यों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने सरगी नाला एनीकट पर प्रगतिरत इंटेकवेल और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के कार्यों का जायजा लेकर अधिकारियों और निर्माण एजेंसी को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने दर्रीपार रोड किनारे निर्माणाधीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण कर निर्माणाधीन पंप हाउस, फिल्टर टैंक, रिजर्वायर टैंक इत्यादि का बारिकी से निरीक्षण किया। राजिम के विधायक रोहित साहू, नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और गरियाबंद के कलेक्टर दीपक अग्रवाल भी निरीक्षण के दौरान मौजूद थे।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को निर्माण कार्यो तथा निर्माण सामग्री की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करने के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों की सुविधा और मजबूती को ध्यान में रखते हुए अच्छी सामग्रियों का उपयोग करने को कहा। उन्होंने वरिष्ठ मैदानी अधिकारियों को कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए। श्री साव ने सभी कार्यों में तेजी लाते हुए निर्माण एजेंसी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी और उप अभियंता को समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने को कहा। उन्होंने आगामी ग्रीष्म ऋतु के पहले योजना का काम खत्म कर जल प्रदाय शुरू करने के निर्देश दिए।

मिशन अमृत से हर घर पहुंचेगा नल से जल, फिंगेश्वर की 13 हजार आबादी होगी लाभान्वित

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी मिशन अमृत 2.0 के अंतर्गत निर्माणाधीन इस जल प्रदाय योजना से फिंगेश्वर शहर के तीन हजार परिवारों तक नल से स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। सरगी नाला एनीकट पर इंटेकवेल बनाकर पाइपलाइन से पानी तीन किमी दूर फिंगेश्वर शहर लाया जाएगा। फिंगेश्वर के दर्रीपार में बन रहे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में उच्च तकनीक एवं निर्धारित मापदण्डों के अनुसार जल का शुद्धिकरण कर घरों में आपूर्ति की जाएगी। शहर की करीब 13 हजार आबादी को इसका लाभ मिलेगा। अब तक योजना का 60 प्रतिशत काम पूर्ण कर लिया गया है। विभाग द्वारा इस साल जून तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

फिंगेश्वर नगर पंचायत में 37 करोड़ आठ लाख रुपए की लागत से यह जल प्रदाय योजना विकसित की जा रही है। योजना का काम पूर्ण होने के बाद पांच वर्ष तक संचालन एवं मरम्मत का कार्य भी संबंधित फर्म द्वारा किया जाएगा। योजना के अंतर्गत निर्माणाधीन 4.69 एमएलडी क्षमता के इंटेकवेल का 86 प्रतिशत और तीन एमएलडी क्षमता के वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का 57 प्रतिशत काम पूर्ण कर लिया गया है। इन दोनों कार्यों के साथ ही पाइपलाइन बिछाने और नल कनेक्शन प्रदान करने का काम भी जारी है। योजना के तहत 3.8 किमी रॉ-वॉटर पाइपलाइन, 3.7 किमी क्लीयर-वॉटर पाइपलाइन, 48 किलोमीटर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और दो ओवरहेड पानी टंकिया भी निर्मित की जा रही हैं। स्कॉडा सिस्टम के माध्यम से संपूर्ण जल प्रदाय योजना की तकनीकी मॉनिटरिंग की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button