दिल्ली में एक और निर्भया कांड सामने है, जिससे राजधानी एक बार फिर शर्मसार हुई है। जांच में सामने आया है कि पीड़िता इतनी सहमी हुई थी कि वह कुछ नहीं बता पा रही थी। महिला सिपाही संगीता को सोशल वर्कर बनाकर उसकी देखभाल के लिए रखा गया। साथ ही एक ओडिया मूल की महिला को नर्स के रूप में रखा। जब महिला सिपाही संगीता ने उसका विश्वास जीत लिया तो पीड़िता ने सिर्फ ये बताया कि एक अज्ञात ऑटो रिक्शा, तीन व्यक्ति और उनमें से एक शारीरिक रूप से विकलांग था। पीड़िता अपनी मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों और घटना के आघात के कारण घटना के समय और स्थान के बारे में अन्य महत्वपूर्ण विवरण बताने में असमर्थ थी।
21 दिन में 700 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले
ओडिशा की युवती के साथ दरिंदगी करने वाले ऑटो चालक प्रभु महतो का ऑटो राजघाट पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया था। ऑटो के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर पुलिस प्रभु महतो तक पहुंच गई। इसके बाद दो अन्य आरोपियों प्रमोद उर्फ बाबू व मोहम्मद शमसुल को पकड़ लिया। दक्षिण-पूर्व जिले के वाहन चोरी निरोधक दस्ते (एएटीएस) ने 21 दिन में 700 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले, 150 से ज्यादा ऑटो का सत्यापन किया। इसके बाद आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
उन्होंने बताया कि शुरू में पुलिस के पास कोई सुराग नहीं थी। घटना का स्थान व समय तक पता नहीं था। युवती भी कुछ बता नहीं पा रही थी। एसआई शुभम चौधरी ने करीब 30 किलोमीटर के दायरे में लगे 700 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। आखिरकार आरोपी प्रभु का ऑटो सीसीटीवी कैमरों में उस समय कैद हो गया जब वह दरिंदगी करने के बाद युवती को ऑटो से फेंक कर भाग रहा था।