कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इंकार कर…
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया फेसबुक में लिखा- यज्ञ, अनुष्ठान में कौन से नियमों का पालन करना है
भोपाल: श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राजनीतिक दलों में सियासत जारी है। इसी बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया फेसबुक में लिखा- यज्ञ, अनुष्ठान में कौन से नियमों का पालन करना है। सर्वोच्च पद पर आसीन धर्म गुरु ही बता सकते हैं और सनातन धर्म में शंकराचार्य से बड़ा कोई पद नही होता। उन्होंने कहा की चारों मान्य पीठों के शंकराचार्य शास्त्र सम्मत पूजा विधि की अवहेलना एवं अधूरे निर्मित मंदिर में भगवान के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा को अनुचित मान रहे हैं। इसीलिए उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इंकार कर दिया।
अयोध्या का मतलब होता है जो युद्ध से विमुख हो परंतु मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा ने हिंदू वोट लेने की धुन में अयोध्या को राजनीति का अखाड़ा बना दिया है। सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्राण प्रतिष्ठा को भाजपा आरएसएस द्वारा निजी इवेंट बनाए जाने की वजह से उसमे शामिल होने के लिए फिलहाल मना कर दिया है। भगवान राम सब के हैं उन पर समस्त देश के सनातनियों का समान रूप से अधिकार है।
जो तर्क भाजपा, विहिप, आरएसएस एवं गोदी मीडिया दे रही है कि जो लोग प्रतिष्ठा में नहीं शामिल हो रहे हैं वे सब राम विरोधी है गौरतलब है की, करोड़ों लोगों ने राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा दिया है तो क्या उनका प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होना राम द्रोह है? कांग्रेस इस पक्ष में है कि जब मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा तब मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम के दर्शन करने बिना किसी इवेंट के वरिष्ठ नेता मर्यादा और श्रद्धा के साथ अयोध्या जाएंगे और सामूहिक प्रार्थना भी करेंगे कि भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद देश में रामराज्य स्थापित हो।