राजस्थानराज्य

एसएमएस में गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने का प्रकरण, गठित की पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी, दोषी अधिकारी पर होगी सख्त कार्रवाई

जयपुर। सवाई मानसिंह अस्पताल में गर्भवती महिला को गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने के मामले की जांच 5 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति करेगी। यह समिति प्रकरण में सभी पक्षो की निष्पक्षता पूर्वक जांच कर तीन दिवस में अपनी रिपोर्ट देगी। जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों एवं कार्मिकों पर राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने शनिवार को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में एक उच्च स्तरीय बैठक में पूरे प्रकरण की समीक्षा करते हुए मामले में निष्पक्ष एवं पारदर्शितापूर्वक जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिए।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि टोंक जिले के निवाई से उपचार के लिए आई गर्भवती महिला 9 मई से सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती थी। उसका हीमोग्लोबिन स्तर कम होने के साथ ही ऑक्सीजन लेवल भी कम था। साथ ही, विभिन्न बीामारियों से ग्रसित होने के कारण उसकी स्थिति गंभीर थी। गंभीर स्थितियों के चलते वेंटीलेटर पर उसकी डिलीवरी करवाई गई थी। इस दौरान ब्लड ट्रांसफ्यूजन में उसे गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने का की बात सामने आई है। अस्पताल प्रशासन की ओर से गठित पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने भी प्रथम दृष्टया गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ने की बात स्वीकार की है।

श्री खींवसर ने कहा कि अस्पताल द्वारा गठित कमेटी की जांच से पूरी तरह संतुष्ट नहीं होते हुए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव श्री मुकेश मीणा की अध्यक्षता में गठित की गई है। कमेटी में सवाई मानसिंह अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. नरपत सिंह शेखावत, पूर्व विभागाध्यक्ष मेडिसिन डॉ. सुधीर मेहता, वर्तमान अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी एवं राजमेस की उप निदेशक डॉ. वंदना शर्मा सदस्य होंगे। यह कमेटी प्रकरण में गहन जांच कर तीन दिवस में अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के तथ्यों के आधार पर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध विभाग सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बैठक में सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सभी अस्पतालो के अधीक्षकों को भी बुलाया गया था। सभी को निर्देश दिए गए हैं कि वे अस्पताल में उपचार के दौरान एसओपी की प्रभावी पालना सुनिश्चित करें। बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि सभी अस्पतालों में आईसीयू, ऑपरेशन थियेटर सहित क्रिटिकल केयर वार्ड में प्रशिक्षित एवं अनुभवी स्टाफ नियोजित किया जाए। साथ ही, चिकित्सकों, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ का समयकृसमय पर प्रशिक्षण करवाया जाए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो।

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