
हिसार। जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की पुलिस रिमांड बुधवार को समाप्त हो रही है। पुलिस उसे अदालत में पेश करेगी। इस बीच, जांच एजेंसियां लगातार पूछताछ और सबूत जुटाने में लगी हुई हैं।
उसके पास से मिली एक डायरी में उसके निजी विचार और यात्रा संबंधी विवरण के खबर हैं। इस डायरी में आठ पेज अंग्रेजी में और तीन पेज हिंदी में लिखे गए हैं, जिनमें पाकिस्तान की यात्रा और अनुभवों का जिक्र है। डायरी में ज्योति ने लिखा है, पाकिस्तान से दस दिन का सफर तय करके आज अपने देश भारत लौट रही हूं। इस दौरान वहां के लोगों से मोहब्बत मिली। लाहौर घूमने का मौका मिला, समय कम था लेकिन अनुभव खास रहा। दिलों की दूरियां मिटें, यही दुआ है। ज्योति ने यह भी लिखा है कि पाकिस्तान सरकार को भारत के श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों और गुरुद्वारों के रास्ते खोलने चाहिए ताकि 1947 में बिछड़े परिवार आपस में मिल सकें। ज्योति की कई विदेश यात्राएं और सोशल मीडिया पर अपलोड की गई वीडियो भी जांच के घेरे में हैं। उसकी बाली ट्रिप की एक वीडियो में लाखों रुपए खर्च होने का जिक्र किया गया है। सुरक्षा एजेंसियां इस फंडिंग की जांच कर रही हैं।
कश्मीर, लद्दाख, गुलमर्ग, डल झील, पैंगोंग लेक समेत कई संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों के वीडियो उसके अकाउंट्स पर मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, इन वीडियो में बीएसएफ की मूवमेंट, रडार लोकेशन और हाई सिक्योरिटी जोन के दृश्य शामिल हैं। पुलिस ने एक टूटा हुआ मोबाइल फोन बरामद किया है, जिसे फॉरेंसिक टीम को जांच के लिए भेजा गया है। क्लाउड स्टोरेज से कई संवेदनशील वीडियो भी बरामद हुए हैं। कॉल डिटेल्स में एक अंतर्राष्ट्रीय नंबर और दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग से जुड़े संपर्क भी पाए गए हैं। ज्योति के कश्मीर में बनाए गए वीडियो में ओडिशा की प्रियंका सेतुपति भी नजर आ रही है, जिससे एजेंसियां पूछताछ कर चुकी हैं। ज्योति के पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों से संपर्क और चीन के वीजा को लेकर बातचीत वाले वीडियो भी सामने आए हैं।हरियाणा के कुरुक्षेत्र निवासी हरकीरत से भी पूछताछ हुई, जिसे बाद में छोड़ दिया गया। एजेंसियां अब यह जांच कर रही हैं कि क्या ज्योति ने ये वीडियो अनजाने में बनाए थे या किसी के निर्देश पर। वहीं, परिवार ने भी अब ज्योति से दूरी बना ली है। उसके पिता ने घर से उसकी सभी तस्वीरें हटा दी हैं। परिजनों के अनुसार, वह हिसार में कभी-कभार दोस्तों के पास जाती थी, लेकिन घर पर कोई नहीं आता था।