छत्तीसगढ़राज्य

2,539 करोड़ से बाइंड योजना, एच डी चैनलों, वेब्स ओटीटी और कंटेंट सुधारों के साथ दूरदर्शन और आकाशवाणी का आधुनिकीकरण

दिल्ली। सरकार लगातार बढ़ते प्रतिस्पर्धी प्रसारण माहौल में दूरदर्शन और आकाशवाणी के कामकाज और दर्शकों तक पहुंच को व्यापक बनाने के लिए निरंतर कदम उठा रही है।

प्रसारण सामग्री की गुणवत्ता और विविधता बेहतर बनाने के लिए वर्ष 2024 में एक सुगम कंटेंट सोर्सिंग पॉलिसी आरंभ की गई ताकि अधिक कार्यक्रम निर्माणकर्ताओं की भागीदारी हो और कार्यक्रम जल्दी मिल सकें।

नए कार्यक्रम नियमित तौर पर आरंभ किए जाते हैं और क्षेत्रीय तथा राज्य स्तर के स्थानीय निर्माताओं को क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारण सामग्री बनाने के लिए जोड़ते हैं। योग्यता के लिहाज़ से बेहतर प्रसारकों को आकर्षित करने और दूरदर्शन के 66 कार्यक्रम निर्माण केंद्रों में गुणवत्तापूर्ण स्थानीय प्रसारण सामग्री में सहयोग के लिए कलाकार और आकस्मिक तौर पर काम करने वाले कैज़ुअल असाइनी के पारिश्रमिक दरों में भी बदलाव किया गया है।

अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए बड़े राष्ट्रीय घटनाक्रमों का नियमित रूप से सजीव प्रसारण किया जाता है। इसके कुछ उदाहरणों में प्रयागराज में महाकुंभ 2025, मुंबई में वेव्स आयोजन 2025 और इसरो के उपग्रह प्रक्षेपण प्रसारण शामिल हैं।

प्रौद्योगिकी उन्नयन में दूरदर्शन के कई चैनलों का हाई डेफिनिशन (एचडी) प्रारूप में प्रसारण और ओटीटी प्लेटफॉर्म “वेव्स” आरंभ कर डिजिटल प्रसारण व्यापक बनाना शामिल है। दूरदर्शन और दूसरे चैनलों को वेव्स ओटीटी, ऑनलाइन न्यूज़ ऑन एआईआर मोबाइल एप इत्यादि से संबद्ध किया गया है।

आकाशवाणी ने ऑडियो-विज़ुअल पॉडकास्ट श्रृंखला “द आकाशवाणी पॉडकास्ट” और “आकाशवाणी ओरिजिनल्स” भी आरंभ किया हैं।

आकाशवाणी में संरचनात्मक सुधार किए गए हैं, जिनमें क्लस्टर प्रमुखों/कार्यालय प्रमुखों की भूमिका तय की गई है। साथ ही राजस्व सृजन पर ध्यान केंद्रित करना, प्रसारण गुणवत्ता में सुधार और दर्शकों/श्रोताओं तक पहुंच शामिल है।

ऐप्स, ओटीटी प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया जैसे वैकल्पिक प्रसारण तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिन्हें क्रॉस-चैनल प्रचार और समन्वित रूप से मार्केटिंग प्रयासों का सहयोग मिल रहा है।

प्रसारण अवसंरचना और नेटवर्क विकास योजना(बीआईएनडी) (2021-26) के तहत 2,539.61 करोड़ रुपये की लागत से प्रसार भारती का आधुनिकीकरण और उन्नयन किया जा रहा है।

इसमें डिजिटलीकरण, पुरानी प्रणाली को बदलना, स्टूडियो और ट्रांसमीटर का आधुनिकीकरण, प्रसारण दायरे का विस्तार और नई प्रौद्योगिकी अपनाना शामिल है।

राजस्व बढ़ाने के उपायों में बेहतर क्लाइंट जुड़ाव, राजस्व अर्जन संभावित प्रसारण सामग्री, मल्टी-प्लेटफ़ॉर्म प्रमोशन और समेकित विज्ञापन रणनीतियां भी शामिल हैं।

वर्ष 2022-25 के दौरान गैर-सरकारी विज्ञापन से आकाशवाणी और दूरदर्शन द्वारा कुल 587.78 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया।

सूचना और प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री, डॉ. एल. मुरुगन ने 17.12.25 को लोकसभा में श्री पुरुषोत्तमभाई रुपाला द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।

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