
रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर स्थित पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में आयोजित रक्तदान अमृतोत्सव 2.0 कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा अनिवार्य है। शिक्षा केवल डिग्री या नौकरी प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता का मूल आधार है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना राज्य प्रकोष्ठ, उच्च शिक्षा विभाग एवं पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय द्वारा सेवा पखवाड़े का शुभारंभ किया गया। 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान में प्रदेशभर के महाविद्यालयों में रक्तदान सहित विविध गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने रक्तदान कर रहे युवाओं से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि रक्तदान न केवल जीवन रक्षा का माध्यम है, बल्कि रक्तदाता के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। यह सबसे बड़ा दान है, जिसे बार-बार किया जा सकता है।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही है और विद्यार्थियों को उपलब्ध सुविधाओं का पूरा लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज और वन संपदा सहित अनेक क्षेत्रों में समृद्ध है। ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ की पहचान पूरे देश में है। नक्सलवाद जैसी बाधाओं को सुरक्षा बलों के साहस और निरंतर अभियानों से समाप्त किया जा रहा है। जल्द ही बस्तर में विकास की गंगा बहेगी और एक विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण होगा।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि युवाओं का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उच्च शिक्षा विभाग में 700 पदों पर भर्ती की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने एनएसएस को समाज को जोड़ने वाला सशक्त विचार बताया।
कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि भारतीय संस्कृति में सेवा का भाव निहित है और रक्तदान सबसे बड़ा दान है। सरकार का लक्ष्य युवाओं को शिक्षा और रोजगार उपलब्ध कराते हुए उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना है।
सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सेवा जीवन का सार है। रक्तदान या शिक्षा—किसी भी माध्यम से सेवा जीवन को यशस्वी बनाती है।