
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 17 सितम्बर को 75 वां जन्मदिवस है। गुजरात के मेहसाणा जिले के एक छोटे से गांव बड़नगर से शुरू हुई उनकी जीवन यात्रा में आए तमाम उतार-चढ़ाव के बीच अपनी लगन, निष्ठा, परिश्रम, त्याग, दृढ़ इच्छाशक्ति और राष्ट्रप्रेम के चलते वे भारतीय राजनीति के शलाका पुरूष बन चुके हैं।
वे आज सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री के रूप में ही नहीं जाने-पहचाने जाते, वरन आज वे विश्व के अग्रणी शीर्ष नेताओं में शुमार हो चुके हैं। नरेन्द्र मोदी का जीवन संघर्ष की गाथा से भरा हुआ है, वस्तुत: वे संघर्षो की उपज हैं। वे ऐसे तपे-तपाए जननेता हैं, जिनमें कुंदन की कठोरता भी है और चंदन की शीतलता भी विद्यमान है। उनके चिंतन में राष्ट्र, राष्ट्रबोघ एवं राष्ट्रहित सर्वोपरि है और इसी उदात्त भावना से ओतप्रोत होकर उन्होंने किशोरावस्था में अपना घर-द्वार छोड़कर जनसेवा की ओर जो कदम बढ़ाए, वे आज तक नहीं रुके।