
रायपुर। मैं मरणोपरांत मेडिकल के छात्र-छात्राओं के परिक्षण में काम आ सकूं इस आशा के साथ सेवानिवृत्त स्वास्थ्य पर्यवेक्षक भरतराम साहू ने “प्रोजेक्ट दधीचि” के अंतर्गत संपूर्ण देहदान का संकल्प लेकर समाज के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल पेश की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप जिले में प्रोजेक्ट दधीचि का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत आमजन आगे आकर अपनी भागीदारी दे रहे है। आज कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने श्री साहू को इस मानवीय निर्णय के लिए शॉल तथा प्रेरक पुस्तक देकर एवं अपर कलेक्टर सुश्री नम्रता जैन (आईएएस) ने प्रशस्ति पत्र प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया।
श्री साहू ने कहा कि मैं मरणोपरांत अपना शरीर दान कर रहा हूँ जिससे मेडिकल की छात्र-छात्राएं के परिक्षण में मेरा देह काम आ सके। इसलिए मैं अपना देहदान कर रहा हूं आप सब भी आएं और जिला प्रशासन की पहल प्रोजेक्ट दधिची से जुड़े और अपना देहदान और अंगदान करें।
श्री साहू ने कहा कि वे अपने कार्यकाल के दौरान शासन के विभिन्न अभियान जैसे पोलियो अभियान परिवार कल्याणकारी, क्षत्र नियंत्रण मलेरिया उन्मूलन, चेचक उन्मूलन, शासन द्वारा लक्ष्य दिया जाता था तन, मन, धन से पूरा करते रहे। श्री साहू ने बताया कि मैं एमबीबीएस के छात्रों को ट्रेनिंग हेतु गाड़ी में लेकर धरसीवां जाता था तथा प्राथमिक स्वास्थ्य के अंतर्गत उप स्वास्थ्य केंद्र के अन्य स्टाफ के साथ महामारी इत्यादि के बारे में ट्रेनिंग दिया करता था। आज भी मेडिकल कॉलेज के छात्रों से मेरा बहुत लगाव है इसलिए मैं मरणोपरांत मेरा शरीर दान कर रहा हूं जिससे मेडिकल छात्र एवं छात्राओं के पढ़ाई में प्रशिक्षण हेतु काम आ सके |
कलेक्टर डॉ सिंह के मार्गदर्शन में संचालित प्रोजेक्ट दधीचि अब तक 38 लोग अंगदान एवं देहदान के माध्यम से जीवनदान का प्रतीक बन चुके हैं। इसका उद्देश्य समाज में अंगदान और देहदान को लेकर जागरूकता फैलाना और भ्रांतियों को दूर करना है। कलेक्टर डॉ. सिंह ने आमजनों से अपील की कि वे भी इस पुनीत कार्य में भागीदारी निभाएं और जरूरतमंदों के लिए जीवन की नई उम्मीद बनें।
इस मौके पर अपर कलेक्टर (आईएएस) नम्रता जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।