योजना का सही लाभ सही समय पर मिलने से ही योजना का उद्देश्य पूरा हो सकता हैः- शासन सचिव, पशुपालन
जयपुर: शासन सचिव पशुपालन, गोपालन एवं डेयरी डॉ. समित शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को राष्ट्रीय पशुधन मिशन के उद्यमिता विकास कार्यक्रम से संबंधित बैंकों में लंबित प्रकरणों पर चर्चा के लिए बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक में डॉ. शर्मा ने पशुपालन विभाग को जिला स्तरीय नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिए जो बैंकों और आवेदकों/उद्यमियों के बीच समन्वय का काम करें। इससे आवेदकों को ऋण लेने में आ रही परेशानियों को दूर किया जा सकेगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि बैंक अपने लोन के लिए आवश्यक चेकलिस्ट विभाग को दें और विभाग अपनी चेक लिस्ट को उसमें शामिल करते हुए एक नई चेकलिस्ट बनाए। आवेदक को भविष्य में यही चेकलिस्ट व्हाट्सअप या अन्य किसी माध्यम से उपलब्ध कराई जाए। ऐसा करने से दो अलग अलग चेकलिस्ट से होने वाली परेशानी से भी बचा जा सकता है। डॉ शर्मा ने बैंक प्रतिनिधियों को आवेदन की प्रक्रिया पर त्वरित कार्यवाही करने का निर्देश देते हुए कहा कि हितग्राहियों/ लाभार्थियों को योजना का सही लाभ सही समय पर मिलने से ही योजना का उद्देश्य पूरा हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन उद्यमिता विकास कार्यक्रम रोजगार सृजन के उद्देश्य से पशुधन क्षेत्र के विकास के लिए भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके अंतर्गत मुख्यतः पशु नस्ल विकास तथा उद्यमिता विकास की गतिविधियों को शामिल कर बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए कुक्कुट पालन, भेड़ बकरी पालन, सुअर पालन आदि के लिए ऋण एवं अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। इच्छुक उद्यमियों को बैंकों से 50 प्रतिशत का ऋण एवं भारत सरकार द्वारा 50 प्रतिशत का अनुदान उपलब्ध करवाया जाता है।
बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़, अतिरिक्त निदेशक (योजना एवं पर्यवेक्षण) डॉ. आनंद सेजरा, उप निदेशक एवं परियोजना समन्वयक डॉ. बी एम गोयल तथा विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।