मोदी की गारंटी-छत्तीसगढ़ में सुशासन का सूर्याेदय
रायपुर: 01 नवम्बर 2000 को भारतीय गणराज्य के 26वें राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य का उदय हुआ। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 13 दिसम्बर 2023 को प्रदेश की बागडोर संभाली। उनके बागडोर संभालते ही प्रदेश में सुशासन का सूर्याेदय होने लगा है। प्रदेश सरकार सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास ध्येय वाक्य को लेकर आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 02 माह की अल्पावधि में कई जनहितकारी फैसलों से समाज के हर वर्ग की तरक्की और खुशहाली के लिए अनेक कदम उठाए गए। सरकार की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसका मुख्य कारण स्वच्छ प्रशासन और सरकारी काम-काज में पारदर्शिता लाना है। प्रदेश का हर नागरिक चाहे वह शहरी हो या ग्रामीण प्रदेश सरकार की कल्याणकारी सोच से वाकिफ है। लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ रहा है। अल्प अवधि में राज्य सरकार ने जनता से किए गए वादे पूर्ण करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं, जिसके कारण प्रदेश में न्याय, राहत और विकास का नया दौर शुरू हुआ है। सेवा, सुशासन, सुरक्षा एवं विकास के संकल्प को लेकर प्रदेश सरकार जनता की सेवा में दिन-रात लगी हुई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय सरकार ने शपथ ग्रहण करते ही पहली कैबिनेट में 18 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत पक्के आवास बनाने का निर्णय लिया गया। प्रदेश में कृषक उन्नति योजना के तहत सरकार ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का वादा भी निभाएगा और धान खरीदी की पारदर्शी और सुगम व्यवस्था भी की गई। इस वर्ष छत्तीसगढ़ में अब तक का सर्वाधिक धान खरीदी का कीर्तिमान स्थापित हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा धान उपार्जन के समय-सीमा 31 जनवरी से बढ़ाकर 04 फरवरी तक करने का एक बड़ा निर्णय लिया। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के लाखों किसानों को इसका फायदा मिला। समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। राज्य सरकार ने युवाओं के हित में बड़ा फैसला लेते हुए पीएससी भर्ती परीक्षा वर्ष 2022 प्रकरण की सीबीआई जांच कराने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासियों को शासकीय सेवाओं में भर्ती हेतु अधिकतम आयु सीमा की छूट अवधि पांच वर्षों के लिए बढ़ा दी गई है। सरकार के इस फैसले से अनेक युवाओं को इसका लाभ मिलेगा और वे नए सिरे से हर क्षेत्र में प्रतियोगिताओं के लिए तैयार होंगे।
प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के द्वारा पीवीटीजी अर्थात् विशेष रूप से पिछड़ी जनजाति समूहों (बैगा, कमार, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर एवं अबुझमाड़िया) को मूलभूत सुविधाओं जैसे पक्के आवास गृह, संपर्क सड़के, छात्रावास का निर्माण, शुद्ध पेयजल, विद्युतीकरण, बहुद्देशीय केन्द्रों, आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा वनधन केन्द्रों का निर्माण, मोबाइल टॉवर की स्थापना, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल से परिपूर्ण करने की दिशा में प्रदेश सरकार कृत संकल्पित है। तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 5500 रूपए प्रति मानक बोरा प्रदाय किए जाने राज्य सरकार ने निर्णय लिया है। तेन्दूपत्ता, महुआ, इमली सहित सभी लघुवनोपजों से आजीविका के साधनों को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश सरकार सर्वाेच्च प्राथमिकता देगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रदेश के 50 लाख ग्रामीण परिवारों को निःशुल्क शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के लिए नल कनेक्शन हेतु 4,500 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूरों को 10 हजार रूपए वार्षिक सहायता राशि प्रदान करने का बजट में प्रावधान किया गया है।