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इच्छाओं को सीमित करके जीवन जियें, उत्तम ब्रह्मचर्य से होगा पर्यूषण का समापन

रायपुर: दिगंबर जैन धर्मावलंबियों कि दस दिनों से चल रहे पूर्यषण महापर्व का समापन मंगलवार को उत्तम ब्रह्मधर्म से हो जाएगा। विशेष धार्मिक अनुष्ठानों, व्रतों के माध्यम से साधना कर रहे श्रावकों ने पर्व के नौवें दिन सोमवार को उत्तम आकिंचन धर्म मनाया। इस मौके पर विशेषरूप से पधारे अनुष्ठान व प्रवचनकर्ता बाल ब्रह्मचारी अरूण भैया ने कहा कि दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाली सभी तरह की वस्तुओं यानि परिग्रहों का परिमाण कर लेना चाहिए। इच्छाओं को सीमित करके जीवन जीना चाहिए अन्यथा महत्वाकांक्षाओं का कोई अंत नहीं है। हमें बाहरी वस्तुओं में न भटककर निज आत्मा के कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानव इच्छाओं के अधीन होकर धन व भौतिक संपदा के पीछे दौड़ रहा है इससे उसे सुख नहीं निराकुलता ही प्राप्त होती है। सांस्कृतिक संध्या में जैन समाज के सबसे बड़े व महत्वपूर्ण तीर्थ सम्मेद शिखर सहित देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित अतिशय व सिद्ध क्षेत्रों की महत्ता पर आधारित विशेष कार्यक्रम चलो करें तीर्थ वंदना आयोजित किया गया। श्री दिगंबर जैन आदिश्वर महिला मंडल द्वारा अयोजित इस कार्यक्रम की सूत्रधार वर्षा जैन व डाॅ. मंजुला जैन थीं।

Live life by limiting desires, Paryushan will end with good celibacy
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इसमें विजेता प्रतिभागियों को सुषमा जैन, रेखा जैन व रमेश जैन द्वारा पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में श्री दिगंबर जैन सेवा समिति के अध्यक्ष नरेश जैन, सचिव विकास जैन, कोषाध्यक्ष राजेश जैन सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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