छत्तीसगढ़

महादेव सट्टा एप : ईडी के सप्लीमेंट्री चार्जशीट में नाम शामिल किए जाने को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनीतिक षड़यंत्र करार दिया है

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि ईडी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर कूटरचना कर लोगों को गिरफ़्तार कर रही है

रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सप्लीमेंट्री चार्जशीट में नाम शामिल किए जाने को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजनीतिक षड़यंत्र करार दिया है। उन्होंने X पर किए अपने पोस्ट में आरोप लगाया कि ईडी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर कूटरचना कर लोगों को गिरफ़्तार कर रही है, और उनसे कहा की दबावपूर्वक मेरे और मेरे सहयोगियों के ख़िलाफ़ बयान दिलवा रही है। इन बयानों में जो पैसों के लेनदेन के आरोप लगाए गए हैं, उसमे उनका कोई आधार नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने X पर किए पोस्ट में कहा कि जिस असीम दास के पास से रुपए बरामद हुए थे, उसने जेल से अपने हस्तलिखित बयान में कह दिया है, और उन्होंने कभी किसी राजनेता व उनसे जुड़े लोगों को पैसा नहीं पहुंचाया। अब ईडी दावा कर रही है कि उसने यह बयान भी वापस ले लिया है।  यह किस दबाव में हो रहा है, उसे सब जानते हैं।

भूपेश बघेल ने कहा कि अब सवाल यह है कि ईडी ने जिस दिन कथित रूप से असीम दास से रुपए बरामद किए थे उस घटना की पूरी रिकॉर्डिंग ईडी के पास है।  इसका मतलब यही है कि इसकी कूटरचना ईडी ने ही की थी।  ईडी ने दावा किया है कि चंद्रभूषण वर्मा ने भी अपना पहले का बयान वापस ले लिया है।

 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो शुरुआत से कह रहे हैं कि ईडी मारपीट से लेकर धमकी देने तक हर हथकंडे अपनाकर मेरा व मेरे सहयोगियों का नाम लेने का दबाव बना रही है। ईडी के नए दस्तावेज से यह और स्पष्ट हो गया है। महादेव ऐप के घोटाले की जाँच मैंने ही मुख्यमंत्री रहते हुए खुद शुरू की थी। मैं चाहता था कि इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो और युवाओं को जुआखोरी की ओर धकेल रहे।

भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस जाँच के आधार पर ही ईडी धन-शोधन का मामला बनाकर जाँच कर रही है, लेकिन दुर्भाग्य है कि ईडी ने जाँच को अपराध की बजाय राजनीतिक दबाव का हथियार बना लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि महादेव एप के पूरे मामले को जिस तरह से राजनीतिक रंग दिया गया है, उससे साफ है कि इसका उद्देश्य अब असली अपराधियों को बचाने और राजनीतिक दुष्प्रचार कर भाजपा को फायदा पहुँचाने का ही रह गया है।

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